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भारत की संस्कृति

भारत की संस्कृति

जब हम भारत की संस्कृति की बात करते हैं। तो इसका मतलब यह है कि हम कई अलग अलग संस्कृतियों की बात कर रहें हैं। क्योंकि भारत की संस्कृति कई संस्कृतियों उत्तर भारत की संस्कृति, दक्षिण भारत की संस्कृति, बंगाल राजस्तानी मराठी, गुजराती आदि से मिलकर बनी है इसलिए भी भारत को विविधता में एकता वाला देश कहा जाता है। हालांकि इसके कई कारण है जैसे भारत मे साल के अलग अलग महिनो में ऋतुएँ भी बदलती रहती है। मार्च से जून के बीच भयंकर गर्मी पड़ती है। जुलाई - अक्टूबर भयंकर वर्षा औरअक्टूबर से मार्च सर्दी पड़ती। इसके अलावा भारत के स्थलिय क्षेत्रो में भी रोचक विविधता है।  उत्तर में कश्मीर है जहाँ भयंकर ठंड पड़ती उसी से लगा हुआ हिमालय है जो हमारे देश को युद्ध,तेज हवाओ से हमारी रक्षा करता है। साथ ही बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली मानसून को कही और जाने से रोकता है जिससे भारत में अच्छी खासी बारिस होती हैं। भारत के मध्य मे पहाड़ियाँ तथा उत्तर भारत यानि कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्तान मैदानी क्षेत्र है। दक्षिण भारत मे पठार और यहा सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। भारत के पूर्वी इलाये खुब हरे भरे है क्योंकि नदियां इधर आकर गिरती हैं। और इन इलाको में बारिश भी खूब पड़ती है। इसी इलाके में है विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुनदर वन डेल्टा जो बेहद खूबसूरत जगह है। इस वन के पेड़ों में पतझड़ नहीं आता। अब चलते है पश्चिम भारत में जहाँ राजस्तान के पश्चिमी भाग तथा कुछ गुजरात के भाग रेगिस्तान हैं। इसका कारण है अरावली की पहाड़ियां जो मानसून को इस इलाके में नहीं है आने देती है। भारत भाषा के के आधार पर भी विविध हैं। जैसे गुजरात में गुजराती महाराष्ट्र में मराठी, बिहार में बिहारी, तमिलाडु में तमिल, ओडिशा मे ओडिया, बंगाली ,तेलगु आदि। भारत की संस्कृतियों में से एक है स्नातन संस्कृति इस संस्कृति मे संस्कारों की सबसे अधिक मान्यता मूल्यता है। 
सनातन संस्कृति के साधु महात्मा यज्ञ करते हुए
इस तस्वीर में दिखाया गया है की सनातन संस्कृति के साधु महात्मा यज्ञ कर रहे हैं


इस संस्कृति में 16 संस्कार बनाएँ गये हैं। जो गर्भाधान से ही शुरू हो जाते हैं। इस संस्कृति में संस्कार हिन (चरित हीन) व्यक्ति को समुदाय से अलग कर दिया जाता है। इस संस्कृति में जीवन के समय को चार चरणो (भागो में ) बाटा गया था। जिसमे पहला चरण था । ब्रह्मचर्य आश्रम जिसमे पाँच से छः साल के बच्चो को गुरुकुलो मे डाल दिया जाता था जहां वे अपने जीवन के 25 वर्ष पूरे होने तक शिक्षा ग्रहण करते थे। 

25 वर्ष के बाद उनकी शादी करा दी जाती थी और वो
50 वर्ष तक गृहस्त आश्रम में जीवन व्यक्ति करते फिर वे वानप्रस्त जीवन जिते थे। जिसमे संगठनो मे काम करना लोगों के लिए काम करना वे परिवार से मुक्त हो जाते थे यह करीब 75 वर्ष तक चलता रहता था। उसके बाद वे संन्यास के मार्ग पर चलते थे वे परम सत्य की खोज में निकल जाते अध्यात्म की राह पर जहा उनको परम आन्नद की प्राप्ति होती थी । 
भारत की सभी संस्कृतियों को मिलाकर दिखाया गया है 


कुछ और भारत के बारे में 

यहां की आबादी भी बहुत घनी है।भारत जनसंख्या के मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यहां की संस्कृति के साथ-साथ यहां की जलवायु, धरातल में भी बहुत ज्यादा विभिन्नता है। भारत के उत्तरी भागों में उत्तरी मैदान है।उसके बाद हिमालय पर्वत माला है।भारत के मध्य भाग में पठार का मैदान है। वहीं पश्चिम की तरफ थार का रेगिस्तान है।भारत के दक्षिण में हिंद सागर है।भारत में बहुत सारी नदियां बहती हैं। उनमें से कोई पूरे वर्ष जल से भरी रहती है तो वहीं कई नदियां सूख जाती है।भारत में एक पवित्र नदी गंगा बहती है। जो विश्व प्रसिद्ध है इसकी लंबाई 2510 किलोमीटर है। इसी नदी के मुहाने पर विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन डेल्टा का निर्माण हुआ है।








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