गंगा की उत्पति
देखिए गंगा कहीं से नहीं निकलती बल्कि नदियों के संगम से उत्पन्न होती है। हालांकि लोग कहते हैं ।कि गंगा गंगोत्री से निकलती है ।लेकिन गंगोत्री से गंगा नहीं भागीरथी नदी निकलती है जिसे स्थानीय लोग गंगा कहते हैं ।गंगा गंगोत्री से नहीं निकलती है गंगा की उत्पत्ति समझने के लिए यह चित्र का अवलोकन करें।
जिसमें सर्वप्रथम संतोपथ हिमानी से नदिया धौलीगंगा और विष्णु गंगा निकलकर विष्णुप्रयाग में मिलती है। यहां पर दोनों नदियों की गहराई बराबर हो जाती है। इसलिए निकलने वाली नदी का नाम अलकनंदा रख दिया गया है। यहां पर एक नई बात मिलती है। की नदियां जब मिलती है और उनकी मिलन के बाद निकलने वाली नदी का नाम क्या रखें क्योंकि 2 नाम की नदी मिल रही है। इसके लिए यह देखा जाता है। कि किस नदी की गहराई ज्यादा है। उसकी ही नाम आगे निकलने वाली नदी का रखा जाता है। लेकिन यह भी हो सकता है की दोनों की गहराई समान हो जब गहराई समान हो तब एक नया नाम दे दिया जाता है। विष्णु प्रयाग से अलकनंदा आगे चलकर नंदाकिनी से मिलती है। इस संगम का नाम नंदप्रयाग रखा गया है। उसके आगे पिंडर नदी मिलती है। इसकी संगम को कर्णप्रयाग कहा जाता है। अलकनंदा फिर आगे जाती है। मंदाकिनी नदी मिलती है। इन के संगम को रुद्रप्रयाग नाम रखा गया है। अलकनंदा फिर आगे चलकर भागीरथी से मिल जाती है। जहां पर दोनों नदी गहराई बराबर हो जाती है इसलिए नया नाम गंगा रख दिया जाता है। इस संगम का नाम देवप्रयाग है।
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